काम से संबंधित मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर (डब्ल्यूएमएसडी) से पीड़ित 76 प्रतिशत कर्मचारियों के स्वास्थ्य और उनकी प्रोडक्टिविटी पर विपरीत असर – गोदरेज इंटेरियो के अध्ययन में खुलासा

Sameer Joshi, Associate Vice President, Marketing (B2B), Godrej Interio
  • 46 प्रतिशत कर्मचारियों ने किसी एक फोकस्ड एरिया में किया दर्द का अनुभव और 50 फीसदी से अधिक कर्मचारियों ने शरीर के अनेक हिस्सों में किया दर्द का अनुभव
  • 15 फीसदी कर्मचारियों ने पिछले छह महीनों में शारीरिक दर्द के कारण ली 3-4 दिनों की छुट्टी
  • वर्कस्पेस फर्नीचर सेगमेंट में 2025 तक 16 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी हासिल करने का गोदरेज इंटेरियो का प्रयास

मुंबई, 28 अक्टूबर, 2022 (GPN)- गोदरेज समूह की प्रमुख कंपनी गोदरेज एंड बॉयस ने घोषणा की कि घरेलू और संस्थागत क्षेत्रों में देश के अग्रणी फर्नीचर सॉल्यूशन ब्रांड गोदरेज इंटेरियो ने हाल ही कामकाजी लोगों के काम से संबंधित मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर का अध्ययन किया है। ‘वर्क रिलेटेड मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर्स इन एम्प्लाईज’ (डब्ल्यूएमएसडी) थीम वाले इस अध्ययन के जरिये हाइब्रिड वर्क मॉडल में कर्मचारियों की अपेक्षाओं और चिंताओं को समझने का प्रयास किया गया है। गोदरेज इंटेरियो में वर्कस्पेस एंड एर्गाेनॉमिक्स रिसर्च सेल ने इस बारे में एक राष्ट्रव्यापी अध्ययन किया, जो काम करते समय शरीर में दर्द, गलत वर्क टूल इंटीग्रेशन और काम के लंबे घंटों से संबंधित कर्मचारियों की चिंताओं जैसे विभिन्न पहलुओं को उजागर करता है।

कार्यालय जाने वाले 21-40 वर्ष आयु वर्ग के कुल 500 कर्मचारियों ने इस रिसर्च में भाग लिया, जिनमें से अधिकांश बहुराष्ट्रीय कंपनियों और भारतीय कॉरपोरेट्स के लिए काम कर रहे थे।

अध्ययन के अनुसार, काम से संबंधित मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर (डब्ल्यूएमएसडी) के कारण कर्मचारियों के स्वास्थ्य और उनकी प्रोडक्टिविटी पर विपरीत असर पड़ रहा है और यह एक बड़ी चिंता का कारण बन रहा है। सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर्स ऐसी स्थिति है, जो मांसपेशियों, नसों, जोड़ों और रीढ़ की हड्डी के विकार से संबंधित है। कुल मिलाकर मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर्स ऐसी स्थितियां हैं जिनमें काम का माहौल बहुत खराब रहता है और काम के नतीजे भी बेहतर नहीं रहते, खासकर तब जबकि यह स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है।

91 प्रतिशत कर्मचारी उनके स्वास्थ्य को खतरे में डालने वाले कारकों से पूरी तरह अवगत नहीं हैं। ये ऐसे कारक हैं जो कार्य-संबंधित मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर की शुरुआत का कारण बन सकते हैं, जबकि 82 प्रतिशत कर्मचारियों ने घर से काम करते समय शरीर में दर्द से संबंधित चिंताओं का जिक्र किया। अध्ययन से पता चला है कि लगातार एक ही अवस्था में बैठे रहना, एर्गाेनोमिक रिमोट वर्कस्पेस की कमी, काम के बीच में विराम की कमी, उचित वर्क-टूल इंटरैक्शन का न होना, असंगत फर्नीचर और लंबे कार्यदिवस भी मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर को बढ़ा सकते हैं।

अध्ययन में उजागर की गई एक व्यापक चिंता यह थी कि 64 प्रतिशत कर्मचारी दिन में 9 घंटे से अधिक समय तक बैठे रहते हैं और 50 फीसदी कर्मचारी कम से कम 6-7 घंटे लैपटॉप का उपयोग करते हैं, जिससे आंखों में खिंचाव, उंगली में दर्द, गर्दन में दर्द, और नींद में खलल, पीठ दर्द जैसे शारीरिक स्वास्थ्य जोखिम होते हैं। इन सभी चिंताओं के बावजूद, 95 प्रतिशत कर्मचारी लगातार एक ही अवस्था में बैठे रहने के दुष्प्रभावों से अनजान हैं।

गोदरेज इंटेरियो के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट, मार्केटिंग (बी2बी) समीर जोशी ने कहा, ‘‘हाइब्रिड वर्क मॉडल के कारण कामकाज की स्थितियों में मौलिक बदलाव संभव हुए हैं – मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी गई है, भौतिक कार्यक्षेत्रों को अनुकूलित किया गया है और तकनीक और भी व्यापक हो गई है। हालांकि टैक्नोलॉजी या अन्य कारणों से कार्य उपकरणों के गलत उपयोग के परिणामस्वरूप कर्मचारियों को लंबे समय तक काम करना पड़ा है, जिससे कार्य-संबंधी मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर जैसी स्थितियां सामने आने लगी हैं, जो कर्मचारियों के स्वास्थ्य और उनकी प्रोडक्टिविटी के लिहाज से एक प्रमुख बाधा है।’’

‘‘इस अध्ययन के माध्यम से, गोदरेज इंटेरियो ने एर्गाेनॉमिक्स प्रशिक्षण के लिए एक सिस्टेमेटिक और स्ट्रक्चर्ड एप्रोच का सुझाव दिया है, जो कार्यालय जाने वालों के बीच काम से संबंधित मस्कुलोस्केलेटल डिसऑर्डर के जोखिम को कम कर सकता है। साथ ही ऐसे विकारों को फैलने से रोकने और इन्हें कम करने के लिए, संगठनों को प्रशिक्षण कार्यक्रम का चयन करने के लिए पहले कर्मचारी व्यवहार, और वर्क-टूल इंटरेक्शन जैसे मापदंडों का गंभीर मूल्यांकन करना चाहिए। इसके अलावा, उन्हें रोशनी, और थर्मल और अकूस्टिक कम्फर्ट जैसे पैरामीटर्स पर विचार करना चाहिए, जो कर्मचारियों के स्वास्थ्य को समान रूप से प्रभावित करते हैं। गोदरेज इंटेरियो में, हम कार्यालय फर्नीचर क्षेत्र में एर्गाेनोमिक फर्नीचर की मांग देख रहे हैं और वित्तीय वर्ष में इस सेगमेंट में 25 प्रतिशत की वृद्धि करना चाहते हैं।’’

For further information, please visithttps://www.godrejinterio.com/

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Sachin Murdeshwar
Sachin Murdeshwar is a Sr.Journalist and Columnist in several Mainline Newspapers and Portals.He is an ardent traveller and likes to explore destinations to the core.

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