86% कार्यबल का मानना है कि फिर से कार्यालय जाकर काम करना शुरू करने से उनकी वर्तमान जीवन शैली प्रभावित होगी गोदरेज इंटरियो के अध्ययन में खुलासा

Sameer Joshi, Associate Vice President, Marketing (B2B), Godrej Interio
  • 84% कर्मचारी अपनी नौकरियों से अच्छे कार्य – जीवन संतुलन की उम्मीद करते हैं
  • 81% कार्यबल को लगता है कि वापस कार्यालय से जाकर काम करने में सामना की जाने वाली मुख्य समस्याओं में से एक है ‘आवागमन में लगने वाला अधिक समय’
  • 68% कार्यबल सहज हैं और ऑफिस जाकर काम करने को लेकर उत्साहित हैं

मुंबई, 06 अप्रैल 2022 (GPN): गोदरेज समूह की प्रमुख कंपनी, गोदरेज एंड बॉयस ने घोषणा की कि इनके बिजनेस, गोदरेज इंटेरियो, जो घर और संस्थागत क्षेत्रों में भारत का अग्रणी फर्नीचर समाधान ब्रांड है, उसने एक विशेष अध्ययन ‘होम, ऑफिस एंड बियॉन्ड’ के निष्कर्ष प्रकाशित किए हैं। महामारी के बाद की दुनिया में कर्मचारी की अपेक्षाओं को समझने के लिए, गोदरेज इंटरियो के वर्कस्पेस एंड एर्गोनॉमिक्स रिसर्च सेल ने एक राष्ट्रव्यापी अध्ययन किया और कर्मचारियों की काम पर वापसी, ऑफिस स्पेस के परंपरागत उपयोग में परिवर्तन जैसे विभिन्न पहलुओं और घर से काम करने एवं ऑफिस से काम करने को लेकर उनके नजरिये को उजागर किया। 21-56 वर्ष के आयु वर्ग के कुल 350 कार्यालय जाने वाले कर्मचारियों ने इस शोध अध्ययन में भाग लिया। भाग लेने वाले अधिकांश कर्मचारी बहुर्राष्ट्रीय कंपनियों और भारतीय कंपनियों में काम करते हैं।

शोध अध्ययन के अनुसार, पिछले दो वर्षों में कर्मचारियों और नियोक्ताओं दोनों के लिए ‘हित’ केंद्र बिंदु रहा, जहाँ 31% कार्यबल का कहना है कि नियोक्ताओं को कर्मचारी के हित में दिलचस्पी लेनी चाहिए। इसी तरह, कर्मचारियों ने इसी अवधि में अपनी और अपनी टीमों दोनों के हित में अंतर देखा, जहाँ 62% ने व्यक्तिगत हित में बेहतरी देखी और 50% ने उनकी टीम के हित में बेहतरी देखी।

 चूंकि कंपनियां अपने कर्मचारियों को कार्यालय वापस लाने के तरीकों पर गौर कर रही हैं, इसलिए शोध से पता चलता है कि कर्मचारियों को कार्यालय लौटने को लेकर चिंता है। अध्ययन में सामने आई प्रमुख चिंता कई कार्यालयों के ओपन प्लान लेआउट डिजाइन पर विचार करते हुए स्वास्थ्य और सुरक्षा की थी। अध्ययन के अनुसार कार्यालय लौटने को लेकर कर्मचारियों की मुख्य चिंताएं कार्यालय में 90 प्रतिशत कॉन्ट्रैक्टिंग कोविड -19 हैं, 86 प्रतिशत को वर्तमान जीवन शैली पर समझौता करना होगा, 84 प्रतिशत को खराब कार्य – जीवन संतुलन का डर है, 81 प्रतिशत ने आवागमन में लगने वाले लंबे समय का हवाला दिया और 71 प्रतिशत ने माता – पिता और बच्चों को देखभाल प्रदान करने में असमर्थता की बात कही। हालांकि, इन सभी चिंताओं के बावजूद, अध्ययन यह भी इंगित करता है कि 68 प्रतिशत कर्मचारी सहज हैं और कार्यालय लौटने को लेकर उत्साहित हैं।

आंशिक अनलॉक चरण में, अध्ययन से पता चलता है कि 26% कर्मचारी अभी भी अपने गृहनगर में हैं और उन शहरों से दूर हैं जहां उनके कार्यालय स्थित हैं जबकि 18% उन शहरों में लौट आए जहां उनके कार्यालय स्थित हैं।

गोदरेज इंटरियो के एसोसिएट वाइस प्रेसिडेंट, मार्केटिंग (बी2बी), समीर जोशी ने कहाचूंकि कंपनियाँ कार्यालय में वापस आने वाले सभी कर्मचारियों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं, इसलिए अच्छे कार्य-जीवन संतुलन के बारे में कर्मचारी धारणाएं महत्वपूर्ण रूप से बदल गई हैं। वर्क फ्रॉम होम नीतियों के फायदों को देखने के बावजूद, औपचारिक कार्यस्थल की अवधारणा पूरी तरह से गायब नहीं हुई है। हालांकि, महामारी के बाद इस बात को लेकर चर्चाएँ छिड़ गयी हैं कि कार्यालय स्थानों का उपयोग किस तरह से अधिक प्रभावी ढंग से किया जा सकता है। गोदरेज इंटरियो में, हम कार्यालय स्थल में अधिक सहायतापूर्ण फर्नीचर की मांग देख रहे हैं और इस वित्तीय वर्ष में इस सेगमेंट के 25% तक बढ़ने की उम्मीद है।

कार्यालय में किसी भी रूप में वापसी को सफल बनाने के लिए, नियोक्ताओं को अपने कर्मचारी की चिंताओं पर ध्यान देना होगा, और नीतियों, कार्यालय अवसंरचना एवं डिजाइन में व्यक्तिगत और पेशेवर हित के मामलों पर अमल करना होगा। अनिवार्य रूप से, भविष्य के कार्यस्थल को सार्वजनिक स्वास्थ्य आवश्यकताओं की पूर्ति, कर्मचारियों की व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा किये जाने और अपने पारिस्थितिक तंत्र के साथ जुड़ने के अनुकूल तरीकों के माध्यम से व्यवसायों के लिए आर्थिक मूल्य प्रदान करने हेतु त्रि-आयामी दृष्टिकोण प्रदान करने की आवश्यकता है।”

महामारी के वर्षों के अनुभवों से कंपनियां भविष्य में वर्कफ़्लो में कोई बड़ा व्यवधान न हो यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी नीतियों का पुनर्मूल्यांकन कर रही हैं। महामारी के शुरुआती दिनों के दौरान किए गए विलिस टावर्स वॉटसन इंडिया कोविड -19 रेडीनेस पल्स सर्वे में पाया गया कि भारत की 83 प्रतिशत कंपनियां घर से काम करने की अपनी नीतियों की समीक्षा करने की योजना बना रही हैं। यह उन पारंपरिक धारणाओं में एक बड़ा परिवर्तन है कि कार्यालय से दूर रहकर काम करते समय कर्मचारी उतने उत्पादक नहीं होंगे, यह बात सोसाइटी फॉर ह्युमैन रिसॉर्स मैनेजमेंट (एसएचआरएम)

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Sachin Murdeshwar
Sachin Murdeshwar is a Sr.Journalist and Columnist in several Mainline Newspapers and Portals.He is an ardent traveller and likes to explore destinations to the core.

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