
Sadhguru and experts at International Roundtable Conference on Save Soil
अंतर्राष्ट्रीय राऊंड टेबल पर ३२ देशों से १५५ मिट्टी विशेषज्ञ सद्गुरु से जुड़े
वैज्ञानिकों व विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए सद्गुरु ने आग्रहकिया कि मृदा संरक्षण की तत्काल ज़रूरत को लेकर ऐसी सरल भाषा में संदेश पहुंचाया जाएं जिससे कि आम जनता स्थिति की नज़ाकत को समझ सकें ।
NATIONAL DECEMBER 8, 2022 (GPN): विश्व विख्यात मिट्टी विशेषज्ञों व वैज्ञानिकों ने सद्गुरु के साथ बहु- प्रतीक्षित वैश्विक मृदा बचाव नीति पुस्तिका जारी की है । विश्व मृदा दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय राऊंड टेबल सम्मेलन के दौरान सात क्षेत्रों के लिए तैयार हुई इस पुस्तिका का लोकार्पण किया गया । इस सूची में अफ्रीका , एशिया , यूरोप , लैटिन अमेरिका व कैरेबियन , मध्य पूर्वी व उत्तरी अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका व ओशियानिया शामिल है। इस नीति पुस्तिकाओं में व्यावहारिक तौर पर लागू करने योग्य वैज्ञानिक रूप से उचित नीति संबंधी सिफारिशें हैं , जिसे अमल में लाकर सरकार अपने-अपने देशों में मिट्टी संरक्षण की दिशा में ठोस कार्यवाही कर सकती है। १९३ देशों के लिए मृदा प्रबंधन बाबत विशेष स्थायी पद्धतियों की सिफारिशें भी प्रस्तुत की गई , जिसमें हर देश के लिए ७०० विविध तरीकों का ज़िक्र है जिससे वे अपनी मिट्टी की गुणवत्ता को बेहतर बना सकें ।
इस राऊंड टेबल सम्मेलन में ३१ देशों से १५५ विशेषज्ञों ने भाग लिया , और मिट्टी बचाओ मुहीम में सद्गुरु के साथ गंभीर चिंतन मनन में शामिल हुए । यू एन सी सी डी के सचिव , इब्राहिम थिओ , अस्ट्र्लियन कृषि विशेषज्ञ टॉनी रिऔंडो ( जो कि वन निर्माता के रूप में लोकप्रिय है ), स्लोवक रीपब्लिक के ग्रामीण विकास व कृषि मंत्रालय के सचिव , इंग मार्टिन कोवेक भी ओनलाईन जुडे । राऊंड टेबल सम्मेलन में यूएनसीसीडी के जी२० वैश्विक भू विकास अभियान के निदेशक , डॉ मुरळी थम्मरुकुडी भी उपस्थित रहे।
https://twitter.com/cpsavesoil/status/1600121724191723520
राऊंड टेबल को संबोधित करते हुए सद्गुरु ने वैनानिकों व विशेषज्ञों से कहा , मिट्टी बचाने की ज़रूरत के बारे में सरल भाषा में इस तरह से तथ्य प्रस्तुत किए जाने चाहिए कि आम लोग इस मुहीम की गंभीरता तथा वर्तमान स्थिति की भयावहता को समझ सके। उनके अनुसार ,” दुनिया में सामान्य जनता और राजनेता वर्ग का ध्यान आकर्षित करने के लिए संकट संबंधी तथ्य सरल रूप में प्रस्तुत होने ज़रूरी है , तभी सब इससे जुडेंगे और बहुत बड़ा फर्क दिखाई देगा।
अपनी मुहीम को मिले अपूर्व समर्थन के परिदृश्य में सद्गुरु ने आत्म विश्वास व्यक्त किया और कहा कि दुनिया भर में सरकार उचित कार्य- नीति लागू ज़रूर करेगी। उन्होंने चिंता सिर्फ़ इसकी गति को लेकर जताई। उनके अनुसार,”जनता जब तक मृदा संरक्षण को लेकर आवाज़ बुलंद नहीं करेगी , तब तक प्रतिनिधि इस दिशा में तेज़ी से नहीं बढेंगे। लोकतंत्र में इसे चुनाव का मुद्दा बनाए बगैर इसका हल संभव नहीं होगा।”
https://twitter.com/SadhguruJV/status/1600550020729962498
राऊंड टेबल सम्मेलन में दो प्रमुख मुद्दों पर परिचर्चा हुई। प्रथम, मृदा की गुणवत्ता में सुधार हेतु ओर्गेनिक तत्त्व शामिल करने की दिशा में समस्याओ व चुनौतियों पर विचार विमर्श हुआ।
डॉ मुरली थुम्मरुकुडी ने कहा ,”यूरोप संघ के नियम अनुसार मृदा संबंधी जागरूकता पर ज़ोर दिया गया है। इसका अर्थ यही है कि लोगो के लिए ज़रूरी है कि वे मिट्टी की महत्ता को समझे, और यही पर सद्गुरु जैसे लोगों तथा उनके द्वारा शुरू मुहीम की भूमिका महत्वपूर्ण बन जाती है।”
यू ए ई के अंतर्राष्ट्रीय बयोसैलाईन कृषि ( आई सी बी ए ) केंद्र के डॉ अहमद एल- नग्गर, मृदा – यूरोपीय संयुक्त कार्यक्रम के संयोजक डॉ क्लैर छेनू , रिसर्च सेंटर फॉर प्रोडक्टिविटि एंड ससटेनबिलिटि ओफ़ इंडस्ट्रियल प्लेंटेशन ( सी आर डी पी आई ) डॉ लैडी स्टेला कौटिका ने भी मिट्टी के पुनर्जीविकरण को लेकर अपने अमूल्य सुझाव साझा किए।
दूसरा महत्वपूर्ण विषय जिस पर गहन चर्चा हुई, वह था मिट्टी उन्नयन के लिए किसानों को समर्थन। फ्रांस के डॉ पॉल लू ने कहा कि स्वस्थ मृदा अनेक भौगोलिक क्रिया का आधार है । अगर हमें मौसम परिवर्तन का सामना करना है या डेसर्टीफिकेशन ( मरुस्थलीकरण ) को रोकना है या जैविक विविधता के अपक्षरण को कम करना है और अगर हमें खाद्यान्न सुरक्षा को सुनिश्चित करना है , तो मिट्टी संरक्षण ज़रूरी है ।
सम्मेलन में सुझावों और सिफारिसों को एकत्र किया जाएगा और विविध माध्यमों से उन्नत कृषि मृदा सुनिश्चित करने की दिशा में एजेंडा तय किया जाएगा ।
इससे पूर्व विश्व मृदा दिवस पर सद्गुर ने वैश्विक #ScoreforSoil अभियान की शुरुआत भी की। फुटबॉल विश्व कप की पृष्ठभूमि में यह अभियान लोगों को मिट्टी बचाओ आंदोलन के समर्थन में अपने सर्वश्रेष्ठ फुटबॉल शॉट और #ScoreForSoil का वीडियो सोशल मीडिया पर डालने के लिए प्रोत्साहित करता है।
ईशा फाउंडेशन के संस्थापक सद्गुरु द्वारा इस साल मार्च में मिट्टी को बचाने के लिए वैश्विक आंदोलन शुरू किया गया था ताकि मिट्टी के क्षरण को रोकने के लिए तत्काल प्रयास किया जा सके। इस अभियान के अंतर्गत सभी देशों से अपील करना है कि कृषि मृदा में ३ से ६ प्रतिशत ऑर्गेनिक तत्व को बरकरार रखने की दिशा में ठोस नीति तय की जाए। गौरतलब है कि सद्गुरु ने मार्च महीने में सौ दिवसीय, ३० हजार किलोमीटर लंबी २७ देशों की यात्रा मोटरसाइकिल पर की थी , और ३.९१ लोगों का ध्यान आकर्षित किया था। ८१ देशों ने इस दिशा में उचित कार्यवाही करने का कदम उठाया है ।
To download the Global Save Soil Policy Handbook click here.
To know more about the movement visit: savesoil.org
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