New Delhi, April 22, 2022 (GPN): सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) के संवर्धन , वित्तपोषण और विकास में लगे प्रमुख वित्तीय संस्थान, भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) ने महाराष्ट्र सरकार को सिडबी क्लस्टर डेवलपमेंट फंड (SCDF) के तहत पहली मंजूरी प्रदान की है।
कौशल, रोजगार, उद्यमिता और नवाचार विभाग के अंतर्गत व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण निदेशालय द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न आईटीआई/पॉलीटेक्निक संस्थानों को पुनर्जीवित/उन्नत करने के लिए सिडबी द्वारा महाराष्ट्र सरकार को 600 करोड़ रुपये के सैद्धांतिक अनुमोदन का पत्र जारी किया गया है। ये आईटीआई/पॉलीटेक्निक संस्थान, हैंड्स-ऑन कौशल प्रशिक्षण के माध्यम से उचित रूप से प्रशिक्षित कुशल जनशक्ति उपलब्ध कराने के माध्यम से राज्य में एमएसएमई समूहों के पूरक हैं, जो कि एमएसएमई की मांग है। ये आईटीआई संस्थान आमतौर पर उद्योग समूहों के पास स्थित होते हैं ताकि आईटीआई में अपना प्रशिक्षण पूरा करने के बाद, नव-प्रशिक्षु विभिन्न उद्योग समूहों में शिक्षुता प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें। मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्मार्ट सिटीज और स्वच्छ भारत मिशन नामक सरकार की नई शुरू की गई योजनाओं के कारण महाराष्ट्र में कुशल जनशक्ति की मांग में तेजी से वृद्धि हुई है। आईटीआई नई ज़िम्मेदारी वहन करने के लिए तैयार हो रहे हैं और इन नई योजनाओं के माध्यम से कुशल जनशक्ति के लिए उत्पन्न एमएसएमई की मांग को पूरा करने के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
सिडबी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री सिवसुब्रमणियन रमण, आईएएंडएएस ने कहा, “एमएसएमई विकास की यात्रा में राज्य सरकार द्वारा संचालित संस्थानों की संस्थानों के उन्नयन और पुनरुद्धार के माध्यम से सक्रिय भागीदारी, एमएसएमई पारितंत्र में कुशल जनशक्ति की उपलब्धता की बहु-वांछित आवश्यकता को पूरा करने के लिए आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगी और प्रणालीगत माध्यम से उच्च दक्षता प्राप्त करने में सुविधा प्रदान करेगा। । “
श्री यू.के. सिन्हा की अध्यक्षता में एमएसएमई पर गठित विशेषज्ञ समिति ने क्लस्टरों में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए राज्य सरकारों के लिए कम लागत वाली उधार खिड़की बनाने के लिए प्राथमिकता क्षेत्र को ऋण प्रवाह में न्यूनता (पीएसएस) संबंधी निधियों के उपयोग सहित एमएसएमई के विकास और संवर्धन के लिए राज्य सरकारों के साथ सिडबी की अधिक केंद्रित भागीदारी की सिफारिश की है। तदनुसार, सिडबी ने 11 राज्यों – असम, आंध्र प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और तमिलनाडु में परियोजना प्रबंधन इकाइयों (पीएमयू) की स्थापना की है। पीएमयू ने सिडबी और राज्य सरकारों के समन्वय से नवाचार वाउचर प्रोग्राम स्कीम, न्यू एंटरप्रेन्योर कम एंटरप्राइज डेवलपमेंट स्कीम, पीएमयू राज्यों में उद्यमिता के लिए प्रवासी मजदूरों के विकल्पों की तेजी से प्रोफाइलिंग आदि के बारे में नीति / योजना संबंधी निविष्टियाँ प्रदान की हैं।
एससीडीएफ की स्थापना, भारतीय रिजर्व बैंक के सहयोग से, अखिल भारतीय स्तर पर क्लस्टरों में स्थावर बुनियादी सुविधाओं के समर्थन के वास्ते की गई है। इन प्रमुख क्षेत्रों में, एमएसएमई इको-स्पेस के औद्योगिक और कृषि-संबद्ध क्षेत्र, एमएसएमई समूहों में और उनके आसपास के सामाजिक क्षेत्र की परियोजनाएं और एमएसएमई समूहों में आपसी संबद्धता शामिल हैं। सिडबी पहले से ही देश भर में विभिन्न राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेशों को विभिन्न उद्योग क्लस्टर परियोजनाओं के विकास / उन्नयन के लिए 5968 करोड़ रुपये से अधिक राशि की सैद्धांतिक मंजूरी दे चुका है।
सिड्बी के बारे में: 1990 में अपने गठन के बाद से सिडबी अपने एकीकृत, अभिनव और समावेशी दृष्टिकोण के माध्यम से समाज के विभिन्न स्तरों पर नागरिकों के जीवन को प्रभावित कर रहा है। सिडबी ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से विभिन्न ऋण और विकासात्मक उपायों के माध्यम से सूक्ष्म और लघु उद्यमियों (एमएसई) के जीवन को छुआ है, चाहे ये पारंपरिक व घरेलू छोटे उद्यमी हों; उद्यमिता पिरामिड के निम्नतम स्तर के उद्यमी हों अथवा उच्चतम स्तर के ज्ञान-आधारित उद्यमी हों। सिडबी 2.0 अपने साथ समावेशी, अभिनव और प्रभाव-उन्मुख संबद्धताओं की दृष्टि को लेकर चल रहा है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया वेबसाइट https://www.sidbi.in पर जाएँ।
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